रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा इस्तीफा दिए जाने से सारी राजनीतिक गतिविधियां अब राजनिवास पर जाकर केंद्रित हो गई हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि उपराज्यपाल नजीब जंग दिल्ली को राजनीतिक भंवर से निकालने के लिए क्या निर्णय लेंगे? लेकिन माना जा रहा है कि इस मसले पर फैसला उपराज्यपाल नहीं राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी करेंगे। इस राजनीतिक घटनाक्रम पर एलजी तो सिर्फ एक संदेशवाहक के तौर पर काम करेंगे। कयासों के इस दौर के बीच जंग ने केजरीवाल के इस्तीफे की चिट्ठी राष्ट्रपति को भेज दी है। उन्होंने राष्ट्रपति और गृह मंत्रालय को केजरीवाल के इस्तीफे के बाद के ताजा हालात की रिपोर्ट भी भेजी है।
सरकार के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक खास रणनीति के तहत कल रात अपना इस्तीफा वैसे तो राजनिवास जाकर उपराज्यपाल को सौंपा है, लेकिन असल में उन्होंने अपना यह इस्तीफा सीधे राष्ट्रपति को लिखा है और उसकी कॉपी उपराज्यपाल को सौंपी है। पत्र में उन्होंने जानकारी दी है कि सरकार की कैबिनेट ने इस्तीफा देने का निर्णय लिया है, इसलिए दिल्ली विधानसभा भंग कर नई विधानसभा बनाने के लिए जल्द चुनाव करवाएं जाएं। ऐसा कर केजरीवाल ने गेंद उपराज्यपाल के बजाय राष्ट्रपति के पाले में डाल दी है।
राजनिवास सूत्रों के अनुसार इस मसले पर उपराज्यपाल की ओर से राष्ट्रपति भवन को न तो कोई सलाह दी जाएगी, न ही तत्कालीन राजनैतिक समीकरणों को देखते हुए कोई सिफारिश की जाएगी। राजनिवास से जुड़े एक आला अधिकारी के अनुसार ऐसे संवेदनशील मामलों में राजनिवास का काम सिर्फ 'संदेशवाहक' का होता है।
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